बंगाल सरकार द्वारा तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता Sheikh Shahjahan जिन्हे वसूली,जमीन हड़पने और यौन उत्पीडन के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशानुसार बंगाल सरकार को शेख को CBI सौंपने की मांग की गई लेकिन बंगाल सरकार ने इस केस को सुप्रीम कोर्ट के हवाले कर दिया, लेकिन तत्काल सुनवाई की अपील खारिज हो गई।
संदेशखली हिंसा की कार्यवाही कल ही शुरू हो गई थी जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को 5 जनवरी को संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हिंसा दर्शाने के मामले में शेख को CBI सौंपने के सख्त आदेश थे।
Shahjahan 50 दिन तक अंडरग्राउंड छुपा रहा लेकिन बंगाल सरकार ने इसे नजरंदाज किया
अदालत ने जोर देते हुए कहा की बंगाल सरकार द्वारा शेख के इस मामले का आंकलन बहुत ही कम सच्चाई के साथ हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की जब ED कथित करोड़ों रुपए के राशन घोटाले के मामले में शेख के घर छापा मरने गई तब भीड़ द्वारा उनकी टीम पर हमला किया गया और कुछ प्रवर्तन निदेशालय अधिकारियों को घायल किया गया।
इसके बाद शेख शाहजहां 50 दिनों तक फरार रहा और 29 फरवरी को बंगाल राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। इसके पश्चात ही बंगाल सरकार ने यह केस CBI को ट्रांसफर करने के उच्च न्यायालय आदेश को ठुकराके सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए।
मामले में खुलासा हुआ की शाहजहाँ और उसके गुर्गों पर संदेशखाली में कई महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का भी आरोप है और यह भी औसतन बताया जाता है की इसकी कुल संपत्ति 12.78 करोड़ रुपये जो अब ED ने कुर्क कर ली है। मामले में उच्च न्यायालय ने इस केस की ईमानदार और पूर्ण जांच का आह्वान किया है।