Bihar Land Measurement Portal: बिहार सरकार ने हाल ही में एक भूमि मापन पोर्टल शुरू किया है, जिसके माध्यम से लोगों को भूमि की मापन और रिपोर्ट प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। इस पोर्टल के माध्यम से लोग अपनी भूमि के मापन के लिए आवेदन कर सकते हैं और अपनी रिपोर्ट को सिर्फ 30 दिनों में प्राप्त कर सकते हैं।
इस पोर्टल का उद्घाटन बिहार सरकार ने भूमि सुधार विभाग के माध्यम से किया है। यह पोर्टल भूमि के मापन के लिए एक आधिकारिक माध्यम है और इसका उपयोग करके लोग अपनी भूमि की मापन और रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से लोगों को अपनी भूमि की सटीक मापन जानने का मौका मिलेगा और वे भूमि के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
इस पोर्टल का उपयोग करने के लिए, लोगों को पहले एक एप्लिकेशन बनानी होगी। इस एप्लिकेशन में लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, भूमि का पता और अन्य संबंधित जानकारी देनी होगी। इसके बाद, लोगों को अपनी भूमि के मापन के लिए आवेदन करना होगा। इस आवेदन के बाद, एक टीम भूमि मापन कार्य को आगे बढ़ाएगी और भूमि का मापन करेगी।
भूमि मापन कार्य के दौरान, भूमि मापन टीम भूमि के आकार, सीमाएं, और अन्य संबंधित जानकारी को संग्रह करेगी। इसके बाद, एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उसे लोगों को सिर्फ 30 दिनों में प्राप्त कराया जाएगा। इस रिपोर्ट में भूमि के मापन की सटीक जानकारी होगी और उसे लोगों को प्रदान की जाएगी।
यह भूमि मापन पोर्टल बिहार सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, लोगों को अपनी भूमि के बारे में सटीक और विश्वसनीय जानकारी मिलेगी। यह पोर्टल सुविधाजनक है और लोगों को अपनी भूमि की मापन और रिपोर्ट प्राप्त करने में मदद करेगी।
इस पोर्टल का उपयोग करने के लिए, लोगों को एक एप्लिकेशन बनानी होगी और उसे पोर्टल पर जमा करना होगा। इसके बाद, लोगों को अपनी भूमि के मापन के लिए आवेदन करना होगा। इस आवेदन के बाद, भूमि मापन टीम भूमि का मापन करेगी और रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट को सिर्फ 30 दिनों में प्राप्त कराया जाएगा।
ऐसे होगा आवेदन
आवेदक मापी के सॉफ्टवेयर में अपने जमाबंदी के प्लॉट का चयन करेंगे। इसके बाद व्यक्तिगत विवरण, चौहद्दी का पूरा विवरण एवं मापी का कारण दर्ज करेगा। मांगे गए कागजात अपलोड करेगा। इतना करने के बाद सीओ के लागिन में आवेदन चला जाएगा।
सीओ जांच के बाद आवेदन को हलका कर्मचारी के पास ऑनलाइन अग्रसारित करेंगे। कर्मचारी की रिपोर्ट के आधार पर सीओ आगे की कार्रवाई करेंगे। अगर मापी संभव नहीं है तो कारण के साथ आवेदक को इसकी सूचना मिल जाएगी। अगर आवेदन सही है तो रैयत को सूचना दी जाएगी। उन्हें अमीन का शुल्क जमा करने के लिए कहा जाएगा।
रैयत देंगे तीन वैकल्पिक तिथि
शुल्क के बाद रैयत मापी के लिए तीन वैकल्पिक तिथियों के साथ आवेदन सीओ के पास भेज देंगे। मापी के दिन रैयत और अमीन के साथ चौहद्दी के भू स्वामी भी उपस्थित रहेंगे। उन्हें अंचल स्तर से ही सूचना दे दी जाएगी। अमीन मापी पूर्ण होने की सूचना सीओ को देंगे। सीओ के डिजिटल सिग्नेचर से रैयत को मापी का प्रमाण मिल जाएगा।
शुल्क पांच सौ और एक हजार
मेहता ने बताया कि एक रकबा की मापी के लिए रैयत को ग्रामीण क्षेत्र में पांच सौ और शहरी क्षेत्र में एक प्लाट के लिए हजार रुपया देना होगा। उन्होंने कहा कि जल्द मापी के लिए तत्काल की भी व्यवस्था की गई है। इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। एक दिन में किसी रैयत की अधिकतम चार रकबा की मापी होगी।