Global Corruption Index 2023: दुनिया के सबसे ज्यादा भ्रष्ट और सबसे कम करप्ट देशों की लिस्ट जारी कर दी गई है. 180 देशों की लिस्ट में सोमालिया, सीरिया, यमन उन देशों में हैं जहां सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है. वहीं, डेनमार्क, न्यूजीलैंड, फिनलैंड उन मुल्कों में शामिल है जहां सबसे कम करप्शन है. भारत पर नजर डालें तो 8 पायदान की गिरावट हुई और यह 93वें पायदान पर पहुंच गया.
जानिए आखिर कैसे पता चलता है कि किस देश में कितना करप्शन है, किस-किस तरह की गतिविधियों को भ्रष्टाचार में गिना जाता है, रिपोर्ट को कैसे तैयार किया जाता है.
कौन देश कितना भ्रष्ट कैसे तय होता है?
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संस्था है जिसका हेडक्वार्टर जर्मनी के बर्लिन में है. संगठन हर साल एक करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स जारी करता है कि जिसमें दुनियाभर के देशों की करप्शन की स्थिति का जिक्र होता है. इस इंडेक्स से दुनियाभर में देशों में भ्रष्टाचार का स्तर पता चलता है.
किस देश में सबसे ज्यादा करप्शन है, इसे तय करने के भी अपने मानक हैं. अब इसे भी जान लेते हैं. यह संगठन किसी देश में करप्शन का पता लगाने के लिए 3 तरह का डाटा शामिल करता है जो 13 अलग-अलग तरह सर्वे और संस्थानों से इकट्ठा होता है. इसमें वर्ल्ड बैंक और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम जैसे ऑर्गेनाइजेशन शामिल होते हैं. इसके अलावा अलग-अलग देशों के विशेषज्ञ और कारोबारियों से भी बात की जाती है.
इन अलग-अलग हिस्सों से आने वाले डाटा को कैल्कुलेट किया जाता है और रैंक तैयार की जाती है. इस तरह देशों को वहां के हालात के हिसाब से अधिक भ्रष्ट या कम भ्रष्ट बताया जाता है.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल संगठन की की लिस्ट में 180 देश शामिल हैं. कई देश इसमें नहीं शामिल हैं, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वहां भ्रष्टाचार नहीं है. दरअसल, लिस्ट में उन देशों को इसलिए नहीं शामिल किया गया है क्योंकि वहां से पर्याप्त आंकड़े नहीं मिल पाए हैं जो हालात को बयां कर सकें. इसलिए उन्हें इंडेक्स का हिस्सा नहीं बनाया गया.
क्या है दुनिया के देशों का हाल?
इंडेक्स में रैंक जितनी ज्यादा होगी, उस देश को उतना ही करप्ट माना जाता है. जैसे फिनलैंड की रैंक 1 है, यानी यहां दुनिया में सबसे कम करप्शन है. वहीं, सोमालिया 180वें पायदान पर है. इसका मतलब है यहां सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है. 180 देशों की लिस्ट में दो तिहाई से अधिक ऐसे देश हैं जहां के हालात ठीक नहीं है. भारत 93वें पायदान और पाकिस्तान 133वीं रैंक पर है.
पिछले सालों और इस साल जारी हुई इंडेक्स की तुलना करें तो पता चलता है कि ज्यादातर देशों ने पब्लिक सेक्टर में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बहुत प्रभावी कदम नहीं उठाए.
किन-किन बातों को भ्रष्टाचार में गिना जाता है?
भ्रष्टाचार का मतलब सिर्फ रिश्वत देना नहीं है. इस इंडेक्स को बनाते समय कई चीजों को करप्शन का हिस्सा माना जाता है. जैसे पब्लिक के फंड का गलत इस्तेमाल होना, पब्लिक ऑफिस का निजी इस्तेमाल, पब्लिक सेक्टर में बढ़ता भ्रष्टाचार, पब्लिक सेक्टर में ऐसे नियम को लागू करना जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिले, सिविल सेवा में सगे-सम्बंधियों की नियुक्तियां, भ्रष्टाचार के मामलों को दर्ज कराने वाले लोगों को कानूनी कार्रवाई करना. इसके अलावा भी कई ऐसे मामलों के आधार पर लिस्ट तैयार की जाती है जिससे सीधे तौर पर जनता प्रभावित हो रही है.