भारत सरकार ने हाल ही में एक नया कानून बनाया है, जो इंटरनेट काटने के लिए तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान करता है। यह कानून 1 जुलाई, 2023 से लागू हुआ है।
इस कानून के तहत, कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर या लापरवाही से इंटरनेट सेवा को बाधित करता है, उसे तीन साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। इस कानून का उद्देश्य इंटरनेट को एक सुरक्षित और सुलभ संसाधन बनाना है। सरकार का मानना है कि यह कानून इंटरनेट सेवाओं को बाधित करने वाले लोगों को रोकने में मदद करेगा।
इस कानून के तहत, इंटरनेट सेवा को बाधित करने के लिए निम्नलिखित कार्यों को माना जाएगा:
- मोबाइल टॉवर को नुकसान पहुंचाना
- ऑप्टिकल फाइबर केबल को काटना
- इंटरनेट सेवा प्रदाता के नेटवर्क को नुकसान पहुंचाना
इस कानून के तहत, इंटरनेट सेवा को बाधित करने का दोषी पाया जाने वाला व्यक्ति को निम्नलिखित दंड दिए जा सकते हैं:
- तीन साल तक की कैद
- जुर्माना
- दोनों
इस कानून का प्रभावी रूप से कार्यान्वयन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, सरकार ने इस कानून को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया है कि वे अपने नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करें और इंटरनेट सेवाओं को बाधित करने के प्रयासों की रिपोर्ट करें।
सरकार ने पुलिस को भी इस कानून को लागू करने के लिए निर्देश दिए हैं। पुलिस को इंटरनेट सेवाओं को बाधित करने के आरोप में लोगों को गिरफ्तार करने और उन्हें अदालत में पेश करने का अधिकार है। यह देखा जाना बाकी है कि यह कानून इंटरनेट सेवाओं को बाधित करने वाले लोगों को रोकने में कितना प्रभावी होगा।
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