7 Best Places To Celebrate Holi: फाल्गुन माह की शुरुआत हो चुकी हैं और इसी महीने में यानी की मार्च महीने की 25 तारीख को होली का पर्व देश में धामधूम से लोग मनाने वाले हैं. यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत होने पर मनाया जाता हैं.
होली एक ऐसा त्यौहार जो पुरे देश में मनाया जाता हैं और यह साल का सबसे बड़ा दूसरा त्यौहार भी माना जाता हैं. होली का पर्व वैसे तो 25 मार्च के दिन हैं. लेकिन देश के कुछ ऐसे शहर भी है जहाँ होली के त्यौहार पहली मार्च से ही शुरू हो जाती हैं.
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जैसे की बरसाना, वृन्दावन, मथुरा और काशी की होली देखने लायक और प्रसिद्ध होली मानी जाती हैं. इन सभी जगह पर होली की तैयारियां एक महीने से पहले ही शुरू हो जाती हैं.
आज हम आपको सात ऐसी प्रसिद्ध जगह की होली के बारे में बताने वाले हैं. जिसके सुनकर ही आपको आनंद आ जायेगा और अगर आप चाहे तो इन प्रसिद्ध जगह पर जाकर भी अपनी होली मना सकते हैं.
इन सात जगह की होली है मशहूर
- उदयपुर और पुष्कर की होली
- मथुरा-वृन्दावन की होली
- काशी के मसाने की होली
- इंदौर की होली
- बरसाना की लट्ठमार होली
- महाराष्ट्र की रंग पंचमी
- फालैन गाँव की होली
अब आइये जानते है इन 7 जगह की होली की ख़ास बाते.
उदयपुर और पुष्कर की होली
उदयपुर और पुष्कर में काफी जबरदस्त और नये अंदाज में होली मनाई जाती हैं. यहाँशाही परिवार के द्वारा होली मनाई जाती हैं. ऐसा माना जाता है की यहाँ पर एक दुसरे के कपड़े फाड़कर होली मनाई जाती हैं.
उदयपुर और पुष्कर में होली के पर्व का आनंद लेने के किए भारी मात्रा में विदेशी पर्यटक यहाँ पर आते हैं और वह खुद भी होली का त्यौहार इंजॉय करते हैं.
उदयपुर और पुष्कर में रात्री के समय होलिका दहन का कार्यक्रम भी होता हैं. इसके बाद अगले दिन पर रंग के साथ होली खेली जाती हैं. साथ साथ लोगो के कपड़े फाडकर की भी इस त्यौहार को इंजॉय किया जाता हैं. यहाँ से लोग अपने घरो में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर भी इस त्यौहार का आनंद लेते हैं.
मथुरा और वृंदावन की होली
जब भी होली की बात आती हैं. तब सबसे पहले हमे मथुरा और वृन्दावन की याद आ ही जाती हैं. क्योंकि यह श्री कृष्ण दे जुड़े हुए शहर हैं. यहाँ पर होली के एक सप्ताह के पहले ही होली की तैयारी कर दी जाती हैं. यहाँ के मंदिरों को फूलो से सजाया जाता हैं और अनोखी बात तो यह है की यहां पर फूलो से होली खेली जाती हैं.
यहाँ की गलियों में रंग और पानी से होली का त्यौहार मनाया जाता हैं. साथ साथ काफी जगह पर नृत्य और संगीत का भी आयोजन किया जाता हैं. मथुरा और वृन्दावन की होली देखने लायक होती हैं.
काशी के मसाने की होली
उत्तरप्रदेश के काशी के वाराणसी में बहुत ही शानदार तरीके से होली खेली जाती हैं. यहाँ पर मणिकर्णिका घाट पर होली का आयोजन किया जाता हैं. जो देश की सबसे पप्रसिद्ध होली मानी जाती हैं.
लेकिन यहाँ की होली की एक बात चौका देने वाली हैं. यहाँ पर रंग और गुलाल की जगह श्मशान की राख से होली खेली जाती हैं. यहाँ के लोगो का मानना है की इस जगह अपर भगवान शिव ने श्मशान की राख से होली खेली थी.
इस घाट पर शिव भक्त श्मशान की राख से होली खेलते हैं. इसलिए यहाँ की होली को मसाने की होली से भी जाना जाता हैं. यह एक अद्भुत होली खेलने की प्रक्रिया मानी जा सकती हैं.
इंदौर की होली
मध्यप्रदेश के इंदौर की होली भी काफी मशहूर हैं. यहाँ पर होली के बाद रंगपंचमी होली खेली जाती हैं. इंदौर की रंगपंचमी में भी काफी लोग हिस्सा लेते हैं. हर साल रंगपंचमी में एक गाय निकलती हैं. जिसे गैरसेण भी कहा जाता हैं. इसमें इंदौर के लोगो के साथ अन्य राज्य के लोग भी शामिल होते हैं.
बरसाना की लट्ठमार होली
उत्तरप्रदेश में कृष्ण जन्मस्थल मथुरा से 50 किलोमीटर की दुरी पर बरसाना की होली काफी प्रसिद्ध हैं. यहाँ के लोग फाल्गुन माह की पूर्णिमा के कुछ दिन पहले ही होली खेलना शुरू कर देते हैं.
यहाँ की होली में बरसाना से लोग नंदगाव और नंदगाव से लोग बरसाना जाते हैं. लेकिन यहाँ की होली की ख़ास बात यह है की यहाँ की महिलाएं पुरुषो को लाठियों से पिटती हैं और पुरुष ढाल लेकर स्वयं का बचाव करते हैं. इस प्रकार की होली भी देखने लायक होती हैं.
बरसाना की होली काफी प्रचलित है. इसलिए यहाँ पर सिर्फ देश से ही नही बल्कि विदेश से भी लोग होली मनाने के लिए आते हैं. बरसाना की लट्ठमार होली देखने लायक होती है.
महाराष्ट्र की रंगपंचमी
महारष्ट्र में रंगपंचमी का आयोजन किया जाता हैं. जो पांच दिन तक चलता हैं. यहाँ के लोग पांच दिन तक रंगपंचमी का आनंद लेते है. ऐसा माना जाता है की यहाँ के मछुआरा समुदाय के लोगो के बीच यह होली लोकप्रिय हैं.
फालैन गाँव की होली
मथुरा से करीब 50 किलोमीटर की दुरी पर एक फालैन गाँव है यहा की होली भी प्रसिद्ध हैं. ऐसा माना जाता है की प्रहलाद का जन्म भी इसी गाँव में हुआ था.
लेकिन इस गाँव की होली की विशेष बात यह की यहाँ की होली में होलिका दहन में के दिन एक पांडा जलती हुई होली से गुजरता हैं और पांडा को कोई भी हानि नही होती हैं. यहाँ की होली के चमत्कार को देखने के लिए भी काफी लोग इस जगह पर आते हैं.