Delhi on high alert : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA), 2019 लागू करने का ऐलान किया है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दस्तावेज के बिना आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। एक बार CAA के नियम जारी हो जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।
CAA लागू होने के साथ ही देश में लॉ-एंड-आर्डर को बनाए रखा प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है। दिल्ली में अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि राजधानी में लॉ-एंड-आर्डर को बरकरार रखना हमारी पहली प्राथमिकता है। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, साउथ ईस्ट दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली में सुरक्षाकर्मी गश्त कर रहे हैं। दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में बाइक पेट्रोलिंग और ग्राउंड स्टाफ को एक्टिव किया गया है। दिल्ली पुलिस ने सभी से सुरक्षा के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
आपकी सुरक्षा, हमारी जिम्मेदारी !!
नॉर्थ-ईस्ट जिले के पुलिसकर्मियों द्वारा अर्धसैनिक बलों सहित संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा हेतु सघन पेट्रोलिंग और चैकिंग की गई।
सभी से आग्रह है कि वे सुरक्षा के निर्देशों का पालन करें।#DelhiPoliceCares pic.twitter.com/EqNDZ1iIWX
— DCP North East Delhi (@DCPNEastDelhi) March 11, 2024
लखनऊ में धारा 144 लागू
दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। लखनऊ में प्रशासन ने धारा 144 लागू करदी है। DGP की तरफ से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया जा चुका है। जिलों में धारा 144 सहित किसी भी तरह का अलर्ट घोषित करने का अधिकार जिलाधिकारी के पास है। फिलहाल कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य स्तरीय नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। पिछली बार CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में जमकर बवाल हुआ था।
CAA क्या है ?
CAA यानि सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट । यह नागरिकता छीनने का नहीं, नागरिकता देने का एक कानून है। 3 देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यक इसके तहत भारत की नागरिकता के पात्र होंगे। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी। हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसियों को वहां धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किया जाता है।
1,414 विदेशियों को दी भारतीय नागरिकता
गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार एक अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक इन तीन देशों के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई। वे नौ राज्य जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता दी जाती है उनमें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं।
असम और पश्चिम बंगाल में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील है, लेकिन सरकार ने इन दोनों राज्यों में से किसी भी जिले को अब तक नागरिकता प्रदान करने की शक्ति नहीं प्रदान की है।