मीडिया पर इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर काफी ज्यादा हंगामा मचा हुआ है जिसके बाद से सुप्रीम कोर्ट संगठन के अध्यक्ष आदेश अग्रवाल ने प्रेसिडेंट दीप्ति मुर्मू को पत्र लिखा इसके अंदर वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले प्रेसिडेंशियल रिफ्रेश को रोक लगाने की मांग करें
इलेक्ट्रिक बॉन्ड हंगामा:
इलेक्टोरल बॉन्ड के डाटा के बाद काफी ज्यादा सोशल मीडिया पर हंगामा किया जा रहा है किसी भी सुप्रीम कोर्ट संगठन के अध्यक्ष आदेश अग्रवाल जो कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डिवाइस चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है जिसके अंदर उन्होंने Cji से रिक्वेस्ट किया है कि जो आदेश अग्रवाल है उन्होंने यह दलाली दी है कि की राजनीतिक दलों को मिलने वाला जो चंदा है वह इस तरह के से उजागर होने से कॉर्पोरेट पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है या प्रभाव पड़ेगा
द्रौपदी मुर्मू को भी लिखा पत्र:
हालांकि इससे पहले भी आदेश अग्रवाल ने अध्यक्ष के रूप में 12 मार्च को ही द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा था जिसके अंदर उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले क्यों प्रेसीडेंशियल रिफ्रेश के तहत रोक लगाने की काफी ज्यादा मांग की गई थी हालांकि SCBA अपने खुद को इस पत्र से काफी अलग कर लिया था और उसने इस पत्र की निंदा भी की थी और जो संगठन है उसकी तरफ से यह कहा गया था कि कार्यकर्ता समिति के अध्यक्ष या सदस्यों आदेश अग्रवाल को किसी भी प्रकार के ऐसे पत्र लिखने की मंजूरी नहीं दी गई थी
पत्र में क्या लिखा था आदेश अग्रवाल ने:
दरअसल जो पत्र था उसके अंदर आदेश अग्रवाल ने लिखा था कि खुद सुप्रीम कोर्ट को खुद ही ऐसे फैसले नहीं देना चाहिए जिसे संवैधानिक गतिरोध पैदा हो सके हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को इसी मामले पर ही सुनवाई की थी सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून तक डाटा जमा करने की मांग को खारिज कर दिया गया था जो डाटा एसबीआई के द्वारा जमा करना था हालांकि बैंक ने आयोग को डाटा सौंप दिया और या 14 मार्च को एसी ने भी अपना पोर्टल डाटा को जारी कर दिया था