किसानों के “दिल्ली चलो आंदोलन” की एक बार फिर पहल हुई है, करीबन 200 किसानों की संगठन पंजाब, दिल्ली और हरियाणा के 1 लाख़ किसान दिल्ली की सड़को पे उतर आए है।
आपको बता दे की साल 2021-2022 में किसानों ने इस ही प्रकार आंदोलन कर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करवाया था, साथ ही MSP पर गारंटी देने का वचन भी दिया था और नवंबर 2021 मे अपने आन्दोलन को विराम दिया था।
मानना है की इस आन्दोलन में 700 से किसानो ने अपनी जान गवाई थी, पर सरकार की तरह से ऐसा कोई दावा नही किया था।
Delhi Protest: इन मांगों के लिए फिर से किया गया आंदोलन का ऐलान
दो साल पहले भी किसानो ने आन्दोलन कर अपनी मांगे पूरी करवाई थी, अब सवाल यह है की अपनी किन मांगों को पूरा करवाने किसानों को फिर सड़को पर आना पड़ा, और क्या इसका लोकसभा के साथ कोई संबंध है। आइए जानते है क्या है किसानो की मांगे:
- आन्दोलन का मुख्य कारण यह है की सरकार द्वारा MSP को लेकर दिया गया वचन पूर्ण नहीं किया गया है, उनकी मांग है की MSP को लेकर कानून बनाया जाए। आन्दोलन का प्रदर्शन कर वह सरकार को उनके वादे याद दिलाना चाहते है, और साथ ही उन वादों को पूर्ण किया जाए ये उनकी मांग है।
- साल 2021- 2022 में किसानो पर किए गए मुकदमें को वापिस लिया जाए और लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानो के दोषिया को सजा दी जाए।
- सराकर ने किसानो को फसलों के दाम देने का भी वादा किया था पर , सरकार ने एम.एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया पर पर उनकी रिपोर्ट के अनुसार फसल की लागत से तीन गुना दाम देने पर कोई कार्य नहीं किया।
Farmers March Delhi: सुरक्षा के लिए प्रशासन ने किये पुख्ता इंतजाम
आन्दोलन को खबर लगते ही राजधानी दिल्ली में कढ़े इंतजाम कर दिए गए है, दिल्ली हरियाणा पंजाब में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है और राज्य की सीमाओं को सील कर दिए गया है।
सीमाओं पर आठ layer की दीवार खड़ी गई है, सड़को पर बड़े बड़े टैंकर, पत्थर लगाए गए है। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए tear gas, water tanks का इंतजाम किया गया है।