होलाष्टक के साथ ही रविवार से ब्रज में होली शुरुआत हो चुकी है श्री लाडली जी मंदिर में लड्डू की होली के साथ गुलाल से आसमान अभी बहुत सारे रंग दिखाई देने लग गए हैं.
द्वारकाधीश मंदिर में राजा गिरिराज ने अपनी पटरानी के भक्तों के साथ चांदी की पिचकारी से होली खेली सोमवार को बरसाना में रंगीली गलियां मेरा लठमार होली खेली गई.
बरसाना में लाडली जी का मंदिर मैं लड्डू मार होली हर्षलाल के साथ खेली गई जहां पर देश-विदेश से पहुंचे लाखों भक्ति बरसाना के मंदिर में नंदगांव और बरसाना गोस्वामी समाज के लोग गाना गाकर होली का मजा लिया लठमार होली का निमंत्रण स्वीकार होने के बाद मंदिर में लड्डू बरसाए गए सोमवार को बरसाना की गलियों में लठमार होली खेली गई.
लाडली जी के मंदिर बरसाना में पहुंचे बाहरी तादात में श्रद्धालु
2 अप्रैल तक छाया रहेगा होली का यह त्योहार 17 मार्च लड्डू होली बरसाना, 18 मार्च लठमार होली बरसाना, 19 मार्च लठमार होली नंदगांव व रावल 20 मार्च जन्म स्थान, 21 मार्च गोकुल में छड़ीमार होली, 24 मार्च फालैन, 24 मार्च धूलंडी 25 मार्च बलदेव, गांव जॉब, मुखराई, 27 मार्च बठेन, गिडोह, 31 मार्च महाजन 2 अप्रैल रामजी मंदिर.
द्वारकाधीश मंदिर यमुना के प्रतीकात्मक किनारे भक्तों के साथ खेलेंगे होली.
मंदिर द्वारकाधीश रविवार को राजाधिराज पटरानी के साथ रविवार को यमुना प्रतीकात्मक किनारे पर बैठ रजत पिचकारी से भक्तों के संग खेली होली मंदिर में पुजारी द्वारा उड़ाए गए रंग और गुलाल जिला पुरुष और बच्चे लिपटे नजर आए रंगों से यह क्रम 25 मार्च तक प्रतिदिन सुबह राजभोग के जनों में सुबह 10:00 बजे से 11:00 तक चलेगा 20 मार्च को ठाकुर जी कुंज मैं विराजमान होकर होली खेलेंगे भक्तों के साथ.
इस होली के त्यौहार में काफी पुरानी परंपराएं भी अपनाई जाती है और उसे निभाई आती है कोई परंपरा 400 साल पुरानी है तो कोई परंपरा 500 साल पुरानी इसमें राधा कृष्ण के सॉन्ग पूरा मथुरा वृंदावन बरसाना सभी मिलकर होली खेलते हैं.
होली जगत व्याख्या पर रिश्ता मंजूर नहीं.
अलग है कि बरसाना और नंदगांव की होली पूरे विश्व में मशहूर है लेकिन इन दो गांव में आज भी भौतिक जगत संबंधों को इज्जत नहीं दी जाती यह अनोखा रिश्ता 5000 साल पहले से बरकरार हैं होली खेलने के दौरान दोनों गांव की हूरियारे-हुरियानो के बीच खूब हंसी ठिठोलि होली होती है लेकिन शादी संबंध कर संसारिक रिश्तो में वंदना इन्हें मंजूर नहीं।