मालदीव राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू हमेशा की तरह एंटी-इंडिया बयान देते हुए फिर से एक बार भारतीय सैनिकों को अपनी पोस्ट से पीछे हटने को कहा है। जानकारी के मुताबिक यह पता लगा है की चीन के साथ एक सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर करते समय राष्ट्रपति ने यह बयान दिया है।
बताया गया ही की पिछले महीने की शुरुआत में, भारत और मालदीव के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह तय हुआ था की भारत 10 मई तक अपने तीन विमान प्लेटफॉर्म पर स्थित सभी भारतीय सैनिकों की बदली करेगा।
इन तीन विमान प्लेटफॉर्म पर 88 सैनिक मौजूद है जो मालदीव के निवासियों की पिछले कुछ सालों से चिकित्सा सेवा उपलब्ध करा रहा है। भारत सरकार ने कुछ शर्तो पर ही अपने सैनिकों को हटाने की सहमति दी है।
आखिर क्यों इतनी गरमा-गर्मी चल रही है मालदीव में ?
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू एक एंटी-इंडिया स्ट्रेटजी से पिछले साल सत्ता में आए थे और इन्होंने राष्ट्रपति की शपथ के कुछ ही देर बाद हिंद महासागर से भारत के कार्मिकों को राजनीति और रणनीति से हटाने की मांग करी।
बताया गया ही की मालदीव पोर्टल ने यह कहते हुए भारत के सैनिकों को हटने के आदेश दिए की विपक्ष प्रशासन की आलोचना करते हुए कहते है की भारतीय कार्मिक जो की अभी मालदीव में हे, वे असल में बिना वर्दी वाले सैनिक हे। इसी कारण से राष्ट्रपति ने यह बात जोर डालकर अपने स्टार्टमेंट में दी है।
इसके अलावा राष्ट्रपति मुइज्जु ने कुछ और बातो पे भी टिप्पणी दी जिसमे दक्षिणी समुद्री क्षेत्र को फिर से हासिल करना और संविधान का उलंघन करते हुए कूटनीति से देश को आगे ले जाने का आश्वासन दिया।