सोमवार को भारत ने एक और मिसाइल लॉन्च के सफल परीक्षण की घोषणा PM Modi द्वारा दी जिसमे अग्नि-5 नामक मिसाइल को सफलतापूर्वक परीक्षण करके मिशन दिव्यास्त्र को बड़ी सफलता मिली।
PM Modi ने कहा की DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) पर उनका अटूट विश्वास और भी मजबूत हो गया है क्योंकि सोमवार को मिशन दिव्यास्त्र जो की मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी पर बना है इसके जरिए बनाई गई पहली मिसाइल अग्नि-5 ने अपनी उड़ान भरी।
क्या हैं ये अग्नि-5 मिसाइलें?
DRDO द्वारा स्वदेशी टेक्नोलॉजी और उपकरणों से निर्मित ये अग्नि-5 जो की 1990 से सीरीज में बनाया जा रहा हे यह भारत के शस्त्रघर में मौजूद है।
MIRV टेक्नोलॉजी जिसका निर्माण अभी इन 5 सालो में हुआ है यह टेक्नोलॉजी कुछ ही देशों के पास मौजूद है और इस पर भारत के सफल मिसाइल मॉडल के निर्माण से वैज्ञानिकों की एक बार फिर पूरी दुनिया में वाहवाई हो रही है।
MIRV तकनीक क्या है? आइए जाने –
सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित कई लक्ष्यों को एक साथ निशाना बनाने में माहिर ये टेक्नोलॉजी बहुत ही एडवांस और अग्नि में परमाणु बम ले जाने की क्षमता को देखते हुए बताया जा रहा हे की इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर हे और इसे चीन के खिलाफ चुनौती से सामन करने के लिए बनाया गया हे।
केवल अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के पास अभी इस समय MIRV टेक्नोलॉजी वाली मिसाइल्स है और बताया जा रहा हे की इन मिसाइल को जमीन और समुद्र में पंडुपी से चोदा जा सकता हे।