एक राष्ट्र, एक चुनाव (One Nation, One Election) एक प्रस्ताव है जो भारत सरकार द्वारा लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने के लिए विचाराधीन है। उसका इरादा इन चुनावों को एक साथ, एक ही दिन या एक निश्चित समय सीमा के भीतर कराने का है।
इतिहास – One Nation, One Election
भारत में, पहली कुछ स्वतंत्रता के बाद के आम चुनाव राज्य विधान सभा चुनावों के साथ एक साथ आयोजित किए गए थे। जबकि यह प्रथा 1967 तक जारी रही, 1968 और 1969 में कुछ राज्य विधानसभाओं के समय से पहले भंग होने के कारण, एक साथ चुनावों की प्रणाली बाधित हो गई। 2014 से, नरेंद्र मोदी, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे, एक साथ चुनावों का समर्थन कर रहे हैं, यह कहते हुए कि यह सार्वजनिक धन की बर्बादी को कम करेगा, और विकास कार्यों की सुचारू प्रवाह सुनिश्चित करेगा, जो अन्यथा मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के लागू होने पर रुक जाता है।
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लाभ
एक साथ चुनावों के प्रस्ताव के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सार्वजनिक धन की बचत: एक साथ चुनावों से मतदान प्रक्रिया, चुनावी अभियान और मतगणना की लागत में कमी आएगी।
- विकास कार्यों की सुचारू प्रवाह: एक साथ चुनावों से सरकारों को चुनावों के दौरान विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
- मजबूत लोकतंत्र: एक साथ चुनावों से मतदाताओं को अधिक चुनावी विकल्प मिलेंगे, जिससे लोकतंत्र मजबूत होगा।
चुनौतियां
एक साथ चुनावों के प्रस्ताव के कुछ चुनौतियां भी हैं, जिनमें शामिल हैं:
- संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता: एक साथ चुनावों को लागू करने के लिए, संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी।
- राज्यों की स्वायत्तता का उल्लंघन: कुछ लोगों का मानना है कि एक साथ चुनाव राज्यों की स्वायत्तता का उल्लंघन करेंगे।
- चुनाव में धांधली की संभावना: एक साथ चुनावों से चुनाव में धांधली की संभावना बढ़ सकती है।
भारत में स्थिति
भारत सरकार ने एक साथ चुनावों के प्रस्ताव पर विचार किया है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। 2023 में, सरकार ने एक समिति का गठन किया जिसे एक साथ चुनावों की व्यवहार्यता का अध्ययन करने का काम सौंपा गया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट 2024 में सौंपी, जिसमें कहा गया कि एक साथ चुनावों को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी।
विश्व में अन्य देश
एक साथ चुनावों की प्रणाली कुछ अन्य देशों में भी मौजूद है। इनमें शामिल हैं:
- अर्जेंटीना: अर्जेंटीना में, राष्ट्रपति और राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यों के चुनाव प्रत्येक चार साल में एक साथ आयोजित किए जाते हैं।
- कनाडा: कनाडा में, संसद के सदस्यों के चुनाव प्रत्येक चार साल में एक साथ आयोजित किए जाते हैं।
- फ्रांस: फ्रांस में, राष्ट्रपति और राष्ट्रीय विधानसभा के सदस्यों के चुनाव प्रत्येक पांच साल में एक साथ आयोजित किए जाते हैं।
- रूस: रूस में, राष्ट्रपति और संसद के सदस्यों के चुनाव प्रत्येक चार साल में एक साथ आयोजित किए जाते हैं।
भारत में एक साथ चुनावों की प्रणाली के लागू होने की संभावना अभी भी अनिश्चित है। हालांकि, इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और सरकार इस पर एक निर्णय लेगी।