रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) को कहा है कि वह One97 Communications के प्रोडक्ट पेटीएम (Paytm) को एक TPAP (Third Party App Provider) बनाए ताकि यह एक UPI (Unified Payments Interface) सेवा प्रदाता बन सके क्योंकि कुछ ही दिनों पहले इनके वॉलेट बैंक Paytm Payments Bank को सरकार ने निरस्त कर दिया था।
RBI ने यह निर्देश दिया है क्योंकि पेटीएम एक प्रमुख डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म है जो भारत में डिजिटल लेन-देन के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है। यह कदम भारतीय डिजिटल पेमेंट्स बाजार में और भी व्यापकता और सुगमता लाने का उद्देश्य रखता है क्योंकि Paytm को हर 5 में से 3 व्यक्ति जरूर चलाते है।
UPI Service Provider क्या होते है?
UPI एक तकनीकी मंच है जिसका उपयोग डिजिटल पेमेंट्स की सुविधा प्रदान करने के लिए किया जाता है। यह बैंक खाताधारक, डिजिटल वॉलेट और अन्य पेमेंट उपकरणों के बीच संचार स्थापित करता है। पेटीएम उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधाएं और लाभ मिले इसके लिए RBI ने NPCI को Paytm को एक सर्विस प्रोवाइडर के रूप में देखने को कहा है।
RBI बोला Users को तकलीफ ना हो ऐसा होना है काम
रिजर्व बैंक का यह निर्देश आगामी दिनों में Paytm के उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित, सुगम और विश्वसनीय डिजिटल पेमेंट्स अनुभव सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इससे भारतीय डिजिटल पेमेंट्स समुदाय में विश्वास और स्थिरता को बढ़ावा मिल सकता है।
RBI ने कहा – “अन्य बैंकों में ‘@पेटीएम’ हैंडल को बिना किसी बाधा के स्थानांतरित करने के लिए, एनपीसीआई 4-5 बैंकों को पेएसपी बैंक के रूप में प्रमाणित करने में सहायता कर सकता है, जिनकी प्रमाणित क्षमताएं हैं उच्च वॉल्यूम यूपीआई लेनदेन प्रक्रिया को प्रोसेस करने के लिए।”