जैसा की 6 मार्च को संदेशखली के केस में बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन उसे समय उनकी अपील खारिज कर दी गई थी। तत्काल सूचीबद्ध करने के आदेश से सुप्रीम कोर्ट मे याचिका से राहत नही मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार के सेशन में ED पर हुए हमले और संदेश खाली में हाई कोर्ट के आदेश की पालना न करते हुए जो बंगाल सरकार ने रोब जमाया उस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के लिए हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।
क्या हुई सुप्रीम कोर्ट में चर्चा?
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने 5 मार्च के आदेश मे हुई टिप्पणियां देखकर कुछ टिप्पणियों को हटाने के आदेश दिए और कहा की CBI को जांच करने न करने के मामले में हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
इसी के साथ अगर जांच को स्थानांतरित किया जायेगा तो सुप्रीम कोर्ट उनकी टिप्पणियों को हटाने और CBI के अपरिवर्तित रहने पर विचार करेगी।
CBI ने पूछा – इतने दिन क्यों नही पकड़ा गया शाहजहां?
कोर्ट सेशन के दौरान CBI जांच के अनुसार कलकत्ता कोर्ट के कहने पर सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल पुलिस से पूछा “तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के निलंबित नेता शाहजहां शेख को इतने दिनों तक क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया।”
जिस पर बंगाल सरकार ने कहा की इस मामले में और 7 लोगो के पकड़े जाने के बाद इस लिंक से शाहजहां के ठिकाने का पता लगने के एक ही दिन में उसे हिरासत में ले लिया गया था।
एएसजी एसवी राजू ने शाहजहां के दबदबे और बंगाल पुलिस के फीके प्रदर्शन और झुटी कार्यवाही का परदा फाश करते हुए हमला बोला और कहा की जांच में रोक लगाने का केवल यही उद्देश्य है की शाहजहां कही सच न उगल दे। शाहजहां पर कई केस लगे हुए हे और यौन उत्पीडन से महिलाएं भी परेशान है।