Tax Free Income: आपकी जो भी इनकम होती हैं. उन सभी इनकम पर आपको इनकम टैक्स भरना होता हैं. जैसे की आपको मिल रही है सैलरी पर भी इनकम टैक्स भरना पड़ता हैं. इसके अलावा आपकी कोई बचत, एक्स्ट्रा इनकम, बचत से आने वाला ब्याज, घर से हो रही इनकम आदि सभी प्रकार की इनकम पर आपको इनकम टैक्स भरना पड़ता हैं।
लेकिन कुछ इनकम ऐसी भी है. जिसमे आपको कोई भी इनकम टैक्स भरने की जरूरत नही हैं. कुछ इनकम पर सरकार के द्वारा छुट दी गई हैं. उन सभी इनकम के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।
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इन इनकम पर नही लगता इनकम टैक्स
EPF से हुई कमाई
नौकरी पेशा लोगो को PF मिलता हैं. तो एक साइड में जमा होता रहता हैं. ऐसे PF से मिली राशि पर आपको टैक्स छुट मिलता हैं. PF से मिली राशि पर सेक्शन 80 सी के तहत आपको टैक्स छुट दी जाती हैं.
लेकिन यह राशि आपकी बेजिक सैलरी के 12% से अधिक नही होनी चाहिए. अगर यह राशि अधिक हैं. तो जो अधिक राशि मिल रही हैं. उस पर आपको इनकम टैक्स भरना पड़ता हैं.
इक्विटी और शेयर से हुई कमाई
अगर आपने शेयर या इक्विटी में अपना निवेश किया हैं और वहां से आपको प्रॉफिट मिला हैं. तो 1 लाख तक के प्रॉफिट पर आपको इनकम टैक्स छुट मिलती हैं.
लेकिन अगर यह कमाई 1 लाख से अधिक हैं. तो आपको इनकम टैक्स भरना होगा और यह गणना LTCG के तहत गिनी जाती हैं.
सेविंग अकाउंट पर ब्याज
अगर आपको आपके सेविंग अकाउंट पर सालाना 10 हजार का ब्याज मिल रहा हैं. तो आपको सेक्शन 80TTA k तहत इनकम टैक्स छुट मिलती हैं.
लेकिन सेविंग अकाउंट पर आपको सालाना 10 हजार से अधिक ब्याज मिलता हैं. तो जो 10 हजार से अधिक ब्याज मिला हैं. उस पर आपको इनकम टैक्स देना होता हैं.
शादी में मिले उपहार
अगर आपको शादी में किसी दोस्त या रिश्तेदार से उपाहर मिला हैं. तो इस पर आपको टैक्स छुट दी जाती हैं. लेकिन इसमें एक शर्त है आपको उपहार आपकी शादी के दिन के आसपास ही मिला होना चाहिए.
जैसे की मान लीजिए आपकी शादी आज हुई है और आपको उपहार 6 महीने बाद मिल रहा हैं. तो ऐसे उपहार पर आपको इनकम टैक्स देना होगा.
इसके अलावा उपहार में दूसरी शर्त यह है की उपहार की राशि 50,000 से कम होनी चाहिए. अगर उपहार की राशि 50 हजार से कम है तो इनकम टैक्स में छुट मिलती हैं.लेकिन इससे अधिक है तो आपको इनकम टैक्स देना होगा.
जीवन बीमा पॉलिसी से हुई आय
अगर आपने जीवन बीमा पॉलिसी को खुलवाया हैं तो मेच्युर होने के बाद मिलने वाली राशि पर आपको इनकम टैक्स छुट दी जाती हैं. लेकिन इसमें आपका साल का प्रीमियम सम अस्योर्ड के 10% कम होना चाहिए. अगर इससे अधिक है तो इनकम टैक्स देना होता हैं.
लेकिन दिव्यांग और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज को इसमें अधिक छुट दी जाती हैं. ऐसे लोगो का सम अस्योर्ड 15% से कम होना जरूरी हैं. अगर 15% से अधिक है तो इस पर इनकम टैक्स भरना होता हैं.
पार्टनरशिप फर्म से मिला हुआ मुनाफा
अगर आप किसी पार्टनरशिप फर्म से जुड़े हुए हैं. तो वहां से मिले हुए मुनाफे पर आपको इनकम टैक्स छुट मिलती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टनरशिप फर्म पहले से ही अपना टैक्स चूका देती हैं. अगर आपको यहाँ से कोई भी प्रॉफिट मिलता हैं. तो उस पर आपको टैक्स नही देना हैं.
लेकिन पार्टनरशिप फर्म से आपको सैलरी मिल रही हैं. तो सैलरी पर आपको टैक्स चुकाना होगा.
पूर्वजो से मिली संपति
अगर आपको माता-पिता या दादा-दादी पूर्वजो से संपति मिलती हैं. आपके पूर्वज आपके नाम पर संपति लिखकर गए हैं. जैसे ज्वेलरी, जमीन, घर, दुकान आदि आपको वसीयत में मिला हैं. तो इस प्रकार से मिली संपति पर इनकम टैक्स नही लगता हैं.
सेवा निवृति में मिली राशि
अगर आपने VRS सेवा निवृति ली हैं और आपको 5 लाख रूपये मिल रहे हैं. तो उस पर टैक्स नही देना होता हैं. लेकिन यह राशि 5 लाख से अधिक है तो अधिक मिलने वाली राशि पर इनकम टैक्स देना होता हैं.
लेकिन ख़ास बात यह भी है की यह सुविधा सिर्फ सरकारी या सार्वजानिक क्षेत्र कंपनी में नौकरी कर रहे कर्मचारी को ही मिलती हैं.
खेती से हुई आय
अगर आप खेती करते है और खेती से जो भी इनकम होती है. उस पर आपको इनकम टैक्स नही देना होता हैं. खेती से हुई इनकम या किराया आदि पर इनकम टैक्स छुट दी जाती हैं.
बिजनेस में व्यवसायिक खर्च
अगर आप बिजनेस करते है तो आपको कई तरीके से खर्चे पड़ने होते हैं. आपको आपके ग्राहकों, वेंडर और कर्मचारी को खिलाना पिलाना पड़ता हैं. अगर आपके ऐसे खर्चे हो रहे है तो इस पर इनकम टैक्स छुट दी जाती हैं. यह व्यवसायिक खर्चा माना जाता है. जिस पर इनकम टैक्स नही लगता हैं।