The Risk Of Cancer Will End: आज के समय में देखा जाए तो काफी सारी ऐसी बीमारियां है जो हमारे लिए खतरनाक मानी जाती हैं. जिसमे से कैंसर एक ऐसी बीमारी है. जिसका आज भी कोई भी सटीक इलाज नही हैं. यानी की किसी को कैंसर शुरुआती स्टेज पर है. तो उनको कीमोथेरपी या रेडियोथेरपी देकर थोडा बहुत कैंसर से राहत मिल सकता हैं.
देशभर में आये दिन कैंसर पीड़ित की संख्या बढ़ रही हैं. कैंसर से बचाव के लिए कीमोथेरपी और रेडियोथेरपी दी जाती हैं. लेकिन इससे भी बॉडी में साइड इफेक्ट होते हैं. इसके अलावा कैंसर हो जाने के बाद भी दुबारा कैंसर होने का भी खतरा बना रहता हैं.
लेकिन इन दिनों कैंसर रोग को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं. दरअसल मुंबई की टाटा इंस्टीटयूट ने एक दवा का विकास किया हैं. जो दुबारा कैंसर होने से बचाती हैं. साथ साथ इससे होने वाले दुष्प्रभाव से भी बचाती हैं.
क्या है यह दवाई और यह कैसे कैंसर के दुष्प्रभाव से बचाती हैं. इस बारे में आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं.
कीमोथेरपी और रेडियोथेरपी दुष्प्रभाव 50 फीसदी करेगा कम
इन दिनों टाटा इंस्टीटयूट ने एक एक दवा को विकसित किया हैं. ऐसा माना जा रहा है की इस दवाई से कैंसर पीड़ित दर्दी को दुबारा कैंसर नही होगा. एक बार कैंसर हो जाने के बाद शुरुआती स्टेज में कैंसर को खत्म किया जा सकता हैं.
लेकिन कई बार कैंसर पीड़ित दर्दी को दुबारा कैंसर होने का खतरा भी बना रहता हैं. ऐसे में यह दवाई दूसरी बार कैंसर होने से बचाती हैं.
इसके अलावा इस दवाई की मुख्य एक अच्छी बात यह भी है की कैंसर पीड़ित मरीज को कैंसर से बचाने के लिए कीमोथेरपी और रेडियोथेरपी दी जाती हैं. जिससे शरीर में साइड इफेक्ट होते हैं. ऐसी थेरपी की वजह से शरीर जहरीला और खोखला हो जाता हैं.
ऐसे में यह भी माना जाता है की कीमोथेरपी और रेडियोथेरपी से होने वाले साइड इफेक्ट से भी यह दवाई बचाती हैं. 50 फीसदी तक साइड इफेक्ट कम भी करेगी यह दवाई.
टाटा इंस्टीटयूट ने चूहों पर किया प्रयोग
ऐसा माना जाता है की टाटा इंस्टीटयूट ने चूहों पर एक प्रयोग किया हैं. जिसमे वैज्ञानिकों ने चूहों में मानव कैंसर कोशिकाओ को डाला और इसके बाद चूहों को कॉपर और रेस्वेराट्रोल के साथ साथ प्रो-ओक्सिडेंट दवाई के रूप में दिया गया.
इन सभी के मिश्रण से ऑक्सीजन रेडिकल यानी की R+cu उत्पन्न होता हैं. जो क्रोमेटिन कण को खत्म करने का काम करता हैं.
अब हुआ यह ही की जब चूहों पर यह प्रयोग किया गया तब उनको रेडियोथेरपी और कीमोथेरपी दी गई. इससे कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं. लेकिन नष्ट हो जाने का बाद यह शरीर में ही बनी रहती हैं. जो शरीर के अन्य हिस्सों मेंपहुँच सकती हैं और इससे दुबारा कैंसर होने का खतरा बनता हैं.
ऐसे खतरे से बचने के लिए इस दवाई को विकसित किया गया हैं. ऐसा माना जाता है की इस दवाई से दुबारा कैंसर नही होगा. जब मरीज को कीमोथेरपी और रेडियोथेरपी दी जायेगी. तब इसका खतरा कम होगा और इस दवाई से दुबारा कभी भी कैंसर नही होगा।