वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने बजट में किसानों को दी जाने वाली सरकारी राहतें गिनाईं. उन्होंने कहा, 11.8 करोड़ किसानों को 11.8 पीएम किसान सम्मान निधि योजना का फायदा मिला. किसानों के लिए समय-समय पर MSP को बढ़ाया गया. बजट में उन्होंने नैनो डीएपी की घोषणा भी की है. उनका कहना है कि किसानों को इसका फायदा मिलेगा. अब तक खेती में नैनो यूरिया का इस्तेमाल होता है लेकिन जब इसमें नैनो डीएपी अहम रोल निभाएगा. खेती को बेहतर बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा. बदलते मौसम में भी इसका फायदा मिलेगा.
वित्त मंत्री ने कहा, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी योजना में से एक है. हमारी सरकार का फोकस सिस्टम की असमानताओं को दूर करना है. सरकार चाहती है कि सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया जा सके. पर क्या आप खेती-किसानी को बेहतर बनाने वाली स्कीम को जानते हैं. यह है एग्री क्लीनिक एंड एग्रीबिजनेस सेंटर. आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्या है एग्री क्लीनिक?
यह सरकारी स्क्रीम है. इसके लिए नाबार्ड यानी नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट की तरफ से लोन मुहैया कराया जाता है. इस स्कीम में आवेदन करनेके बाद 45 दिनों की ट्रेनिंग होती है और काम शुरू कर सकते हैं. यह मौका एग्रीकल्चर से पढ़ाई करने वाले ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट से ही मिलता है. इससे जुड़ने वाले युवाओं को एग्रीप्रेन्योर कहते हैं. इस योजना के तहत इन्हें 10 लाख रुपए का लोन मिलता है. जिसकी मदद से एग्री क्लीनिक या एग्री बिजनेस सेंटर खोलते हैं.
एग्री क्लीनिक का मकसद किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी सेवाएं देना है. इन क्लीनिक्स में खेती-किसानी के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले एक्सपर्ट्स बैठते हैं. ये किसानों को विशेष सेवाएं उपलब्ध कराते हैं. फसल बोने के सही तरीके बताते हैं. कीटों और बीमारियों से फसलों की सुरक्षा करना बताते हैं. बाजार के रूझान के हिसाब से फसलों की जानकारी देते हैं. इसके अलावा पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी काम करते हैं.
इनकी शुरुआत का लक्ष्य था कि खेती-किसानी को बेहतर बनाकर पैदावार बढ़ाई और युवाओं को रोजगार देना था. पिछले कुछ समय से सरकार इस पर फोकस कर रही है. इसके लिए सरकार ने स्कीम शुरू की थी, जिसका नाम था एग्री क्लीनिक एंड एग्रीबिजनेस सेंटर.स्कीम का मकसद था देश में एग्रीकल्चरल क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर की संख्या को बढ़ाया जाए.
10 लाख रुपए तक कर्ज की सुविधा
इस योजना के तहत कर्ज मिलता है. एक व्यक्ति को 10 लाख रुपए और पांंच सदस्यों के समूह को 50 लाख रुपए तक कर्ज मिल सकता है. योजना के मुताबिक, अनुसूचित जाति./अनुसूचित जन जाति की महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों,पर्वतीय क्षेत्रों के लाभार्थियों के लिए 50 फीसदी मार्जिन राशि नाबार्ड द्वारा बिना किसी ब्याज के भुगतान की जाएगी.
इसके लिए चयनित प्रशिक्षित प्रतिभागी को नाबार्ड से ACAB प्रोजेक्ट के तहत सब्सिडी मिलती है. इसकी अधिक जानकारी सरकारी बैंकों की आधिकारिक वेबसाइट से ली जा सकती है.