Amrish Puri: Bollywood’s greatest villain: अमरीश पुरी बॉलीवुड के सबसे महान खलनायकों में से एक थे। उन्होंने अपने लंबे और सफल करियर में कई यादगार किरदार निभाए, जिनमें से “मोगैंबो खुश हुआ” वाला डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमरीश पुरी ने अपने बेटे राजीव पुरी को फिल्मों में आने से मना कर दिया था?
अमरीश पुरी ने अपने करियर की शुरुआत 1960 के दशक में की थी। उन्होंने कई फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार निभाए, लेकिन उन्हें पहचान “गदर” फिल्म में “मोगैंबो” के किरदार से मिली। इसके बाद उन्होंने कई सफल फिल्मों में खलनायक के किरदार निभाए, जिनमें “नसीब”, “विधाता”, “हीरो”, “अंधा कानून”, “अर्ध सत्य”, “हम पांच”, और “गंगा जमुना सरस्वती” शामिल हैं।
अमरीश पुरी ने अपने बेटे राजीव पुरी को फिल्मों में आने के लिए प्रोत्साहित किया, लेकिन उन्हें एक शर्त रखी। उन्होंने राजीव से कहा कि वह पहले किसी दूसरी फील्ड में काम करें और सफल हों, उसके बाद ही फिल्मों में आएं।
राजीव पुरी ने अपनी पिता की शर्त मान ली। उन्होंने पहले कुछ सालों तक बिजनेस में काम किया। लेकिन उन्हें फिल्मों में आने का मन था। इसलिए उन्होंने 1990 में फिल्म “आशिकी” से बॉलीवुड में कदम रखा।
राजीव पुरी ने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उनकी कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट नहीं हुई।
2005 में अमरीश पुरी का निधन हो गया। राजीव पुरी ने अपने पिता की मौत के बाद भी फिल्मों में काम करना जारी रखा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी।
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राजीव पुरी का मानना है कि अगर उनके पिता उनको फिल्मों में आने के लिए मना नहीं करते तो शायद उनकी किस्मत बदल जाती। लेकिन अब वह इस बात पर अफसोस नहीं करते। वह कहते हैं कि उन्हें अपने पिता की शर्त मानकर गर्व है।
अमरीश पुरी और राजीव पुरी दोनों ही बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार थे। अमरीश पुरी अपने खलनायक के किरदारों से हमेशा याद किए जाएंगे, जबकि राजीव पुरी अपनी मेहनत और लगन के लिए जाने जाते हैं।
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