अंतरिम बजट में निर्मला सीतारमण ने रक्षा बजट के लिए 6.2 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की. इस बजट का सबसे बड़ा हिस्सा यहीं जा रहा है. पिछले साल देश का रक्षा बजट 6.02 लाख करोड़ रुपए था. जो इस बार थोड़ा बढ़ाकर 6.20 लाख करोड़ कर दिया गया है. साथ ही डीप-टेक टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की बात कही गईं. आइए समझते हैं कि इससे देश की ताकत कितनी बढ़ेगी…
Interim Budget 2024 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने डिफेंस पर कहा कि हम नई डीप-टेक टेक्नोलॉजी लेकर आएंगे. आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाएंगे. सवाल ये है कि ये डीप-टेक टेक्नोलॉजी क्या है. डीप-टेक टेक्नोलॉजी यानी बायोटेक, क्वांटम कंप्यूटिंग, AI, रोबोटिक्स, एंडवांस्ड मटेरियल, ग्रीन एनर्जी, एडवांस्ड कंप्यूटिंग, एयरोस्पेस जैसे उद्योग.
यानी देश के रक्षा के मामले में अब निजी कंपनियों को ज्यादा मौका मिलेगा. क्योंकि ये सभी टेक्नोलॉजी देश में निजी कंपनियों के पास हैं. यह सभी चीजें असल में वैज्ञानिक प्रगति की ओर लेकर जाने वाली हैं. यानी विज्ञान को रक्षा के साथ जोड़कर देश को ज्यादा ताकतवर बनाने का प्लान है.
साथ ही आत्मनिर्भरता की बात कही गई. यानी केंद्र सरकार चाहती है कि देश की सुरक्षा में लगने वाले हथियार, टेक्नोलॉजी, यंत्र सभी कुछ देश में ही बने. कम से कम आयात करना पड़े. ज्यादा से ज्यादा निर्यात किया जाए. पिछले साल ही देश का रक्षा उत्पादन 1 लाख करोड़ रुपए हुआ है. अब ऐसे में बजट में की गई यह घोषणा बड़े मायने रखती है.
पूरी दुनिया में 10 वर्षों में बढ़ी भारत की धाक
ग्लोबल फायरपावर मिलिट्री रैंकिंग 2024 में भारत को चौथा स्थान मिला है. यानी दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर मिलिट्री भारत के पास है. भारत इंग्लैंड और जापान जैसे विकसित देशों से भी इस मामले में आगे हैं. लेकिन चीन से पीछे हैं. चीन तीसरी सबसे बड़ी मिलिट्री ताकत है. पिछले दस वर्षों में भारत रक्षा मामलों में अपनी धाक जमा चुका है.
बजट 3.4 फीसदी बढ़ाया, होगा ये फायदा
भारत के पास 51.37 लाख जवान हैं. सीतारमण ने रक्षा के लिए बजट की घोषणा तो कर दी. डिटेल जानकारी सरकार बनने के बाद पेश किए जाने वाले बजट में आएगी. साल 2023-24 का रक्षा बजट 6.02 लाख करोड़ रुपए था. जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 फीसदी ज्यादा था. इस बार यह बढ़कर 6.20 लाख करोड़ हो गया है. यानी 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
कहां लगाए जाएंगे इतने सारे पैसे?
भारत के पास कुल 2210 एयरक्राफ्ट्स हैं. 4614 टैंक्स और नौसेना के पास 295 जहाजों की फ्लीट है. इस बार का फोकस डिजिटल, आधुनिक और स्वदेशीकरण पर है. जो बढ़ोतरी हुई है, वह सेना को लेकर किए गए कई डील्स, रिसोर्स एलोकेशन और आधुनिकिकरण को ध्यान में रखकर किया गया है.
रक्षा बजट में पिछला बार की तुलना में 3.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. क्योंकि तनख्वाह भी बढ़ानी है. पेंशन है. रणनीतिक जरूरते हैं. लगातार सेनाओं को अपग्रेड करना है. रिसर्च और डेवलपमेंट में पैसे लगाने हैं. इसके अलावा देसी और विदेशी रक्षा उद्योग के साथ नए समझौते करने हैं.