Class 1 Admission Age: केंद्र सरकार ने कक्षा 1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष निर्धारित करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य बच्चों की शिक्षा को मजबूत और समग्र बनाना है।
यह निर्देश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होगा। इसका मतलब है कि अब सभी स्कूलों को कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चे की आयु कम से कम 6 वर्ष होनी चाहिए।
इस निर्देश के पीछे कई कारण हैं:
6 वर्ष की आयु में बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं। 6 वर्ष की आयु में बच्चों की सीखने की क्षमता विकसित होती है और वे औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार होते हैं। 6 वर्ष की आयु में बच्चे सामाजिक और भावनात्मक रूप से विकसित होते हैं और वे अन्य बच्चों के साथ बातचीत करने में सक्षम होते हैं।
कुछ राज्यों में पहले से ही कक्षा 1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष थी। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद अब सभी राज्यों में यह नियम लागू होगा। यह निर्देश उन बच्चों के लिए फायदेमंद होगा जो अभी 6 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंचे हैं। वे अब 6 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद ही स्कूल में प्रवेश ले सकेंगे।
अभिभावकों की चिंताएँ:
- देर से शिक्षा की शुरुआत: कुछ अभिभावकों को चिंता है कि इससे बच्चों की शिक्षा में देरी होगी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ स्कूली सुविधाएँ सीमित हैं।
- आर्थिक बोझ: पहले से ही निजी स्कूलों की बढ़ती फीस के बोझ से दबे अभिभावकों के लिए एक साल अतिरिक्त खर्च करना मुश्किल हो सकता है।
- विकासात्मक भिन्नताएँ: कुछ बच्चों का विकास तेज होता है और वे 5 साल में ही स्कूल जाने के लिए तैयार हो सकते हैं। उनके लिए एक साल का इंतजार मुश्किल हो सकता है।